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Sunday, July 12, 2020

Mafia Review

Mafia Review: माफिया ने ZEE5 को इस वीकएंड दिलाई मुकाबले में बढ़त, अनदेखी और ब्रीद 2 से आगे निकली माफिया


Mafia Review




 
Web Series Reveiew: माफिया (Mafia)
कलाकार: नमित दास, तन्मय धनानिया, इशा एम साहा, अनंदिता बोस और मधुरिमा रॉय आदि।
सृजनकर्ता: रोहन घोष, अरित्र सेन
निर्देशक: बिरसा दासगुप्ता
ओटीटी: जी5
रेटिंग: ***1/2

मनुष्य स्वभाव से ही जिज्ञासु रहा है। आग की खोज, पहिए की खोज और फिर रोमांच की खोज। उसके भीतर दौड़ते लहू के आंख से टपकने को गालिब ने भी इंसानी फितरत की असल पहचान मानी है। तो अगर आपको अपनी रगों में दौड़ते लहू की रफ्तार बढ़ती महसूस करनी हो और अगर आपको वाकई रोमांच की दुनिया जीकर देखने का मन करता रहता हो तो Zee5 की ये नई सीरीज आपके लिए ही है। बस इसे देखिएगा संभलकर.. क्योंकि ये खेल माफिया का है।

Video Trailer



अगर आपको या आपके घर में किसी को वीडियो गेम खेलने का शौक है तो आपने महसूस किया होगा कि ऐसे गेम खेलने के दौरान इंसान की सारी ज्ञानेंद्रियां अपने चरम पर होती हैं। ये चरमसुख खून में दौड़ने वाले हार्मोंस से महसूस होता है और माफिया में इसका पूरा इंतजाम किया है इसके क्रिएटर्स रोहन घोष और अरित्र सेन ने। कहानी गुपचुप तरीके से दर्शक को अपने आगोश में लेती है और सीरीज की रचना कुछ ऐसी है कि दर्शक भी एपीसोड दर एपीसोड खुद को इस कहानी का हिस्सा महसूस करने लगता है।
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माफिया कहानी है नितिन, ऋषि, अनन्या, नेहा और तान्या की। कहानी में थ्रिलर का हर पंचभूत मौजूद है। और, इसका छठा मनोवैज्ञानिक तत्व है इसका मधुपुर के जंगलों में घटना। ये सब मिलते तो हैं कुंवारा पार्टी के नाम पर लेकिन आगे के अच्छे दिनों की सोच के आई ये पब्लिक नहीं जानती कि आगे होने वाला क्या है। गेम शुरू होता है माफिया का। दिखने में बिल्कुल साधारण सा दिखने वाला ये खेल जुमानजी से किसी तरह कम नहीं है। खेलने वाले भले इस गेम के अंदर वैसे न चले जाते हों लेकिन जब बारी ये पहचानने की आती है कि गेम खेल कौन रहा है और निशाने पर कौन है तो अच्छे से अच्छे मजबूत कलेजे वाले का कलेजा भी एक भार धक से होता है।

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कलाकारों के किरदार उनकी शख्सीयत के हिसाब से ही सीरीज में गढ़े गए हैं। सीरीज कुछ इस तरह रची गई है कि इसकी कहानी के सूत्र थोड़ा ज्यादा खुलते ही इसका सस्पेंस बिखर सकता है। और, कहानी का जो अंजाम इसे देखकर ही इसका थ्रिल समझा जा सकता है। माफिया का ये खेल खेलने वाले इसे दिल से खेलते हैं और देखने वाले के दिमाग पर ये सीधा असर करता है। एक एक कर सबके कांड खुलने शुरू होते हैं। सब इन्हें अब तक छिपाते फिरते थे, अब ये कांड भी खुल चुके हैं और ये भी खुलना शुरू हो जाता है कि चेहरे से भोला दिखने वाला कोई इंसान इतना बेरहम भी हो सकता है।



सीरीज की पूरी सेटिंग इसके निर्देशक ने बहुत ही सोच समझकर तैयार की है। रीयूनियन का बहाना है लेकिन असली खेल तो सबका काम लगाना है। सिटिजन, माफिया, डॉक्टर, पुलिस और भगवान सब एक दूसरे की डोरी से बंधे हैं। किसका फंदा पहले कसेगा और कौन इनमें से बचकर निकलेगा, आखिरी एपीसोड के ठीक पहले तक दर्शक इसी में उलझा रहता है। बिंज वॉचिंग के लिए इस वीकएंड की सबसे परफेक्ट सीरीज है जी5 पर रिलीज होने वाली माफिया।

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सीरीज के कलाकारों में नमित दास ने बिल्कुल अव्वल नंबर वाला काम किया है। अब तक ज्यादातर सीरीज में सहायक किरदारों में दिखते रहे नमित का ये बड़ा वाला कांड है। सीरीज का मुख्य आकर्षण भी उनकी मौजूदगी ही है। लेकिन, ये करिश्मा चलता है तब तक, जब तक कि आप सीरीज देखना शुरू नहीं कर देते। कहानी के अपनी स्पीड में आते ही इशा एम साहा और अनिंदिता बोस के किरदार अनन्या और नेहा अपनी पकड़ दिखाना शुरू करते हैं। तान्या के किरदार में मधुरिमा का अपना अलग मोहपाश है और तन्मय धनानिया की मौजूदगी कहानी के पंचभूतों को एक सार करने का बहुत सही काम करती है। साइकोलॉजिकल थ्रिलर्स के शौकीनों के लिए सीरीज माफिया इस वीकएंड पर बिंज वॉचिंग का पहला ऑप्शन है।


दोस्तों हम आपके लिए ऐसे ही फिल्मों की समीक्षा लाते रहेंगे आप बने रहिये हमारे साथ आपका दिन शुभ हो धन्यबाद। 

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